
जौनपुर: सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में एक नई व्यवस्था बनाई जा रही है कि किसी भी परीक्षा केंद्र में परिवर्तन नहीं किया जाएगा। प्रायः देखा जाता है की संवेदनशील (नकलची) और अति संवेदनशील (भयंकर नकलची) केंद्रों के लिए चिन्हित करके उन पर बहुत जबरदस्त पुलिस की व्यवस्था की जाती है जिससे वहां के लोगों को तो परेशानी होती ही है बच्चों को भी अपने विद्यालय से बहुत दूर-दूर कर दिया जाता है।

कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने यह निश्चय किया है की कोई भी परीक्षा केंद्र परिवर्तित नहीं किया जाएगा ना तो केंद्र व्यवस्थापक एवं कक्ष निरीक्षक को परेशानी होगी और नहीं परीक्षार्थियों को परेशानी होगी। यह बताया गया की अनुशासन व्यवस्था कड़ी करके हर स्थिति में नकल को रोका जाएगा। केंद्र व्यवस्थापको और कक्ष निरीक्षकों को पूरा-पूरा जवाबदेह बनाए बनाया जाएगा ताकि वह नकल को रोकने के लिए पूरा अनुशासन रखें।

यदि कोई गड़बड़ी होती है तो उन्हीं के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।कुलपति जी का मानना है कि यदि केंद्र व्यवस्थापक और कक्ष निरीक्षक मजबूत हो और सुचिता बनाने के लिए पूरा प्रयास करें तो निश्चय ही नकल रुकेगी। इससे विश्वविद्यालय का परीक्षा विभाग एवं परीक्षा नियंत्रण विभाग पूरी तरह से लगा हुआ है। इससे समय की बचत होगी बच्चों को दूर-दूर तक जाकर परीक्षा देने से जो असुविधा होती है उससे उन्हें मुक्ति मिलेगी और भाग दौड़ कम होगी।

आज ही कुलपति ने विश्वविद्यालय के आंतरिक विभागों को भी देखा। ऐसा बताया गया और शिकायत मिली कि विभागों में बच्चे कम आते हैं। उनके लिए प्रयोग कार्यों का समुचित प्रबंध नहीं किया जाता या तो उपकरण नहीं होते या संसाधनों में कमी होती है। कुलपति इन शिकायतों को समाप्त करने के लिए हर विभाग को देखने का प्रयास कर रही है और लोगों को प्रेरित किया है कि किसी भी प्रकार की पढ़ाई लिखाई में बच्चों को असुविधा नहीं होनी चाहिए।

बताया गया है की उनके सलाहकारों में उन्हें परामर्श दिया है कि नजदीक के बड़े कॉलेज में भी कभी-कभार आकस्मिक निरीक्षण किया जाना चाहिए।