स्वामी विवेकानंद अमेरिका प्रवास पर निकलने वाले ही थे। जाने से पूर्व वे मां शारदा से आशीर्वाद लेने पहुंचे। आशीर्वाद देने के स्थान पर मां शारदा ने उन्हें सब्जी काटने का चाकू उठाकर देने के लिए आदेश दिया।
स्वामी विवेकानंद के चाकू उठाकर देने पर मां शारदा बोली- “मेरा आशीर्वाद सदा तुम्हारे साथ है। जाओ, खूब प्रगति करो और अमेरिका में जाकर अपने गुरु का और भारत का नाम रोशन करो।” स्वामी विवेकानंद ने पूछा – “इस आशीर्वाद का चाकू देने से क्या संबंध है?”
मां शारदा बोलीं – “जब किसी साधारण व्यक्ति से चाकू मांगा जाता है तो वह मूठ अपने हाथ में रखकर धार की तरफ से चाकू दूसरे को देता है, परंतु तुमने धार अपने हाथ में रखी और मूठवाला भाग मेरी तरफ किया। सच्चे साधु का यही लक्षण है कि वह स्वयं कष्टों को स्वीकार करता है और दूसरों के कल्याण की कामना करता है। इस छोटे – से घटनाक्रम ने बड़े कार्य के लिए तुम्हारी पात्रता सिद्ध कर दी है और तुम इस आशीर्वाद के हकदार बने।” अब अमेरिका जाओ और निश्चिंत होकर के गुरु के चरणों में ध्यान करते हुए अपना काम करो और देश का नाम ऊंचा हो करना।