श्याम नारायण पांडे वरिष्ठ पत्रकार
प्रधान संपादक
जौनपुर: जिले के एकमात्र क्षय चिकित्सालय में वर्तमान सीएमओ की देखरेख में 3 करोड़ 27 लख रुपए के घोटाले की चर्चा आम जनों में बड़ी तेजी से चल रही है। डॉक्टर लक्ष्मी सिंह के सामने मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस की नीति धूल भाग रही है। वर्ष 2006 में स्थापित क्षय रोग चिकित्सालय के उच्चीकरण के लिए उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य महानिदेशालय ने प्रदेश के तमाम जनपदों के साथ जौनपुर के क्षय रोग चिकित्सा के लिए 3 करोड़ 27 लख रुपए आवंटित किए गए थे।
48 बेड वाले अस्पताल में अस्पताल का रूप तो देखने में दिखलाई ही नहीं पड़ता, एक विशाल हाल जिसमें कई कमरे और गैलरी जुड़ी हुई है उसमें दवाइयां भरी हुई हैं वह अस्पताल कम एक दवाइयों का स्टोर ज्यादा प्रतीत होता है। छय रोगियों के हित में प्रदेश सरकार द्वारा किया जाने वाला प्रयास यहां भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है सरकार ने अस्पताल को रोगियों के हित में लगभग सारी व्यवस्थाएं अपने तरफ से कर दी हैं लेकिन यहां कुछ भी नहीं है।
वर्तमान सीएमओ पर भदोही की भ्रष्टाचार की जांच डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल महानिदेशक ट्रेनिंग कर ही रहे थे कि शासनादेश के विरुद्ध इन्हें जौनपुर जैसा बड़े जिला का सीएमओ बना दिया गया है लगभग 4 वर्षों से अब जौनपुर में यह खुली लूट शुरू कर दी है।
उनके विरुद्ध 15 6 2023 से जांच एट वाराणसी द्वारा की जा रही है। इन्होंने लेवल (1) और लेवल (2) स्तरीय चिकित्सकों को लेवल (3) के पद पर नियुक्त कर बहुत बड़ा घोटाला किया है जो शासनादेश के विरुद्ध है। इसकी भी स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव के स्तर से जांच शुरू है। यह देखना है कि ईमानदार उत्तर प्रदेश सरकार इस अतिईमानदार सीएमओ के खिलाफ क्या करती है?