
श्याम नारायण पाण्डेय :
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में सर्वाधिक vakf संपत्ति जौनपुर में है। अब तक हुए सर्वेक्षण में कुल संपत्तियों की संख्या 4167 है इसमें 2096 संपत्तियां सरकारी जमीनों पर जिसका दावा वक्फ बोर्ड कर रहा है। शेष संपत्तियां मुसलमानाे के कब्जे में हैं जैसे अटाला मस्जिद, जामा मस्जिद, लाल दरवाजा, शाही पुल आदि। अवैध वक्त संपत्तियों के संबंध में पेश की गई जेपीसी की रिपोर्ट से जौनपुर में मुसलमान काफी नाराज है। लोगों का कहना है कि इसकी कोई जरूरत नहीं है सरकार सिर्फ आम मुद्दों से ध्यान भटकने के लिए यह सब कर रही है।
समाजसेवी प्रोफेसर राघवेंद्र सिंह ने कहा कि वक्फ संपत्ति उसे मिलनी चाहिए जो गरीब, पसमांदा और उसका वास्तविक रूप से हकदार हो। यह संपत्ति तो 80% बड़े धनी और मुस्लिम नेताओं ने किसी ने किसी रूप में कब्जा कर लिया है। आज भी यह लोग किसी ने किसी राजनीतिक दल से जुड़े हैं इसलिए उनकी जमीन वापस लेना संभव नहीं लगता।
आरिफ हबीब का कहना है कि वर्तमान सरकार वक्फ की संपत्ति जबरदस्ती अपने कब्जे में लेकर उसे उद्योगपतियों को बेचना चाहती है। सरकार संविधान के आर्टिकल 28 का उल्लंघन कर रही है।
कमाल आजमी ने कहा कि नवाबों द्वारा जो जमीन कमजोर मुसलमान, पसमांदा मुसलमान और लावारिस लोगों को समाजहित में दी गई थी अब उसके लिए इतने दिनों बाद कानून बनाने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार जनता का अन्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ये सब कर रही है।
कलीम अहमद ने भी जेपीसी रिपोर्ट को फर्जी और तानाशाही पूर्ण बताते हुए कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है। वक्फ की जमीनों को सरकार कब्जा करने के लिए अब ये सब कर रही है।