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मुम्बई/ महाराष्ट्र: महाराष्ट्र विधानसभा निर्वाचन में वहां की जनता ने बुद्धिमता का परिचय देते हुए अपना निर्णय सुना दिया है कि वह वंशवाद पर नहीं वर्तमान स्थिति पर फैसला करती है।


हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की राजनैतिक पार्टी शिवसेना को अब तक मराठी जनता अपना आदर्श मानकर उनकी पूजा करती रही लेकिन अब जब बालासाहेब ठाकरे के सुपुत्र उद्धव ठाकरे ने अपने हित के लिए हिंदुत्व विचारधारा को त्याग कर सेकुलर विचारधारा अपना लिया और महाविकास अघाणीय ने कांग्रेस और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी शरद पवार से हाथ मिलाकर उनके साथ हो गए तो जनता ने भी उद्धव ठाकरेवाली महाविकास अघाणीय को अंगूठा दिखला कर भाजपा और शिंदे की शिवसेना तथा राष्ट्रीय क्रांति पार्टी अजीत पवार के गठबंधन को प्रबल बहुमत से गद्दी पर बैठा दिया।


उद्धव ठाकरे को यह गलतफहमी रही की हम बालासाहेब ठाकरे के बंशीधर हैं हम हिंदुत्व की विचारधारा को त्याग कर भी जहां चलेंगे महाराष्ट्र की जनता हमारे पीछे रहेगी। उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी दिखाई पड़ रही थी क्योंकि लोकसभा निर्वाचन में झूठ का सहारा लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश की जनता को मूर्ख बनाया उसी समय कहा कि यदि भाजपा सत्ता में आती है तो भारत का संविधान बदल देगी देश में दलित और पिछड़ों के आरक्षण को समाप्त कर देगी।

इसलिए आप लोग सचेत हो जाइए और किसी भी प्रकार भारतीय जनता पार्टी सत्ता में ना आने पाए। हम वादा करते हैं कि यदि देश में हमारी सरकार बनी तो किसानों का सारा कर्ज माफ कर देंगे और प्रत्येक परिवार की हर महिला को प्रति वर्ष 1 लख रुपए देंगे।


भोली भाली जनता ने उनकी बातों का विश्वास कर लिया और उनकी सीट 53 से 95 हो गई। जहां उनकी सरकार थी किसी भी प्रकार की सुविधा आम जनता को नहीं दी गई। उन्होंने घोषणा की थी कि हम बहुत ज्यादा जनता का हित करेंगे, वह कुछ दिखलाई नहीं पड़ा। बालासाहेब ठाकरे ने कभी कांग्रेस की तरजीह दी, ना तो उनका किसी प्रकार का सहयोग ही किया। वह मानते थे कि यह प्रबल हिंदू विरोधी पार्टी है हम हिंदुओं के हित में ही कुछ करेंगे। उनके विपरीत कुछ भी नहीं करेंगे।
जब बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा के खिलाफ उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस से हाथ मिलाकर हिंदुत्व की विचारधारा को तिलांजलि दे दी तो महाराष्ट्र की जनता ने भी उनको अपना फैसला सुना दिया।
अब महाविकास अघाणीय की सहयोगी पार्टियों ईवीएम द्वारा मतदान को हैक करने की बात कर रहे हैं लेकिन
अब महाराष्ट्र की जनता जाग गई है उसे झूठे वादों पर ज्यादा दिन तक मूर्ख नहीं बनाया जा सकता।