
श्याम नारायण पाण्डेय, जौनपुर
अर्थात भरत ने गुरु वशिष्ठ के आदेश को विनम्रता से अस्वीकार करते हुए कहा कि अगर आप लोगों ने हमारा राज्याभिषेक जिस समय हुआ यह पूरी पृथ्वी रसातल पर चली जायेगी।
पं. वशिष्ठ नारायण उपाध्याय ने इमलो पाण्डेय पट्टी गॉव में श्री शंकर आदर्श ग्रामोदय बालिका विद्यालय में आयोजित रामकथा में यह उद्गार व्यक्त किया।
भरत ने सारे सभासदों और मंत्रियो के आग्रह पर अपना पक्ष रखते हुए आँख में आंसू भरकर निवेदन किया कि सारे अनर्थ का कारण मैं ही हूँ। मैं यदि कैकेयी का पुत्र न होता, कैकेयी पिता जी से वरदान न मांगती, भैया रामजी को बनवास न मिलता और न पिताजी की मृत्यु होती और आप सभी श्रेष्ठ लोग मुझ कैकेयी पुत्र, कुटिल बुद्धि, राम विरोधी और अधम व्यक्ति को राज सम्भालने के लिए कह रहे हैं। अरे आप लोग हठ करके ज्यों ही यह काम करेंगे यह निश्चित है कि यह पृथ्वी पाताल को चली जायेगी।
आप लोग ऐसा कर रहे हैं और मैं ऐसा दुर्भाग्यशाली हूँ कि इतना बड़ा अनर्थ हो जाने के बाद सब सुन रहा हूँ। माता ने इतना बड़ा अनर्थ करने के बाद सारी माताओं को वैधव्य दिया, अयोध्या की प्रजा को शोक और असह्य सन्ताप दिया मैं आप लोगों के सम्मुख हृदय से ईश्वर को साक्षी बनाकर अपनी बात कह रहा हूँ कि माँ के इस कुकृत्य में मेरी जरा भी सहमति नहीं है।
कौशल्या ने भरत के सिर पर हाथ फेरते हुए रोते हुए उन्हें सांत्वना दी और कहा कि –
काहुहि दोष देहु जनि ताता,
भा मोहिं सब विधि बाम विधाता।
इसके पूर्व आचार्य महेंद्र पाण्डेय ने भागवत महापुराण से श्रीकृष्ण बाल विनोद की सरस कथा से लोगों को प्रसन्न कर दिया। अंत में आयोजक शीतला प्रसाद मिश्र ने आगत अतिथियों को साधुवाद देते हुए पुनः कथा में पधारने के लिए निवेदन किया।