
अनुसूचित जाति के लिए (सुरक्षित) निर्वाचन क्षेत्र मछली शहर की तस्वीर भी धीरे-धीरे साफ हो रही है। इंडी गठबंधन प्रकारंतर से समाजवादी पार्टी से सुश्री प्रिया सरोज, भाजपा से पूर्व एमपी बीपी सरोज और पूर्व में सपा से नजदीकी होने के नाते लोकसभा उम्मीदवारी के लिए पिछले निर्वाचन काल से ही प्रयासरत कृपा शंकर अबकी बार बसपा की कृपा से पार्टी के प्रत्याशी बनाए गए हैं। आप तीनों सरोज प्रत्याशियों ने अपना जोर आजमाइश शुरु कर दिया हैं। इस लोकसभा क्षेत्र से जो भी व्यक्ति निर्वाचित घोषित किया जाता है प्राय निर्वाचन के प्रारंभ और निर्वाचित घोषित होने तक हाथ जोड़कर क्षेत्र में बड़ी ही विनम्र स्थिति में देखे जाते हैं, फिर चुने जाने के बाद बंद गाड़ी में धूल उड़ाते हुए निकल जाते हैं। क्षेत्र में कभी दिखलाई ही नहीं देते। दो एक लोग तो ऐसे हुए हैं जिन्होंने क्षेत्र में भरपूर जनसंपर्क किया है और आज भी लोग उन्हें याद करते हैं जैसे – रामसागर राम और विद्यासागर सोनकर। रामसागर तो अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन लोग उनके व्यवहार को आज भी याद करते हैं। विद्यासागर सोनकर को इस क्षेत्र से एमपी हुए लगभग दो दशक बीत गए, फिर भी आज उन्हें लोग एक व्यवहार कुशल नेता के रूप में याद करते हैं। इंडी गठबंधन प्रत्याशी प्रिया सरोज पूर्व सांसद और वर्तमान विधानसभा सदस्य केराकत की सुपुत्री हैं उन्होंने बड़ी तेजी से जनसंपर्क कार्य शुरू कर दिया है। एक दिन इन्हें इस चिलचिलाती धूप में नगर के पूर्वी क्षेत्र में जैसे – जमैथा, अहमदपुर,जफराबाद, कबूलपुर, कल्याणपुर, बेलॉव,बीबीपुर, सखोई, केशवपुर आदि दर्जनों गांव का दौरा करते हुए देखा गया, सबसे मिलजुल कर वे आगे बढ़ जाती हैं। साथ-साथ उनके पिता तूफानी सरोज भी रहते हैं और अपने लोगों से उनका परिचय कराते हैं क्योंकि पूरा मछली शहर आरक्षित क्षेत्र तूफानी सरोज का भली – भांति देखा हुआ है।

तीसरे प्रत्याशी हैं कृपा शंकर जो इस बार इस सुरक्षित क्षेत्र से बसपा से आ गए हैं अब तक वे समाजवादी पार्टी के नेता के रूप में क्षेत्र में जाने जाते रहे। ये सामाजवादी पार्टी से उम्मीदवारी के लिए भी पिछले निर्वाचन के समय से प्रयासरत थे इस बार भी जब उन्हें समाजवादी पार्टी से मौका नहीं मिला और पार्टी ने इस बार सुश्री प्रिया सरोज को इंडी गठबंधन से उम्मीदवार बनाया तब कृपा शंकर ने बसपा का दामन पकड़ लिया और बसपा के प्रत्याशी बनाकर के क्षेत्र में आगे आ गए हैं। यदि आगे उम्मीदवारों में परिवर्तन नहीं हुआ तो यहां लड़ाई भी दिलचस्प होगी।

अब तक भाजपा की मोदी लहर में बहुत कम मार्जिन से विजय श्री पाने वाले बीपी सरोज यहां से लोकसभा सदस्य रहे उनके पास क्षेत्रीय जनों में पैठ बनाने और क्षेत्र में काम करने के लिए काफी वक्त था तथा अच्छी निधि मिलने के साथ ही स्वयं भी संपन्न व्यक्ति थे। क्षेत्रीय जनों में भी लोकप्रिय होने के लिए उनके पास पर्याप्त समय था जिसे बीपी सरोज ने गंवा दिया। यहां भाजपा राष्ट्रीय स्तर पर काफी मजबूत है तथा मोदी और योगी की प्रदेश में लहर- सी है किंतु प्रत्याशी बीपी सरोज क्षेत्र के लिए नए जैसे लग रहे हैं। वहीं दो अन्य दलों के प्रत्याशी सुश्री प्रिया सरोज और कृपा शंकर सरोज नए होने के बावजूद क्रमशः धीरे-धीरे अपने थोक मतों की ओर आकर्षित करने के लिए प्रचार में लग गए हैं। इंडी गठबंधन की उम्मीदवार सुश्री प्रिया सरोज के पिता तूफानी सरोज इस क्षेत्र में तीन बार एमपी रह चुके हैं उनकी पृष्ठभूमि प्रकारअंतर से तैयार ही है फिर भी वह बड़ी मेहनत से क्षेत्र में जनसंपर्क में जुट गए हैं। कृपा शंकर ने जनसंपर्क तो अभी नहीं शुरू किया है पता नहीं क्यों? ऐसा लग रहा हैं कि वे इस संदेह में है की कही प्रत्याशी बदल न दिया जाए। यहीं कारण है कि मछली शहर में चुनाव प्रचार अभी ढीला चल रहा है।