
संपादक -श्यामनारायण पाण्डेय
शिक्षा के क्षेत्र में महामना के रूप में जाना जाता है
- स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पत्रकार पंडित अभय जीत दूबे के विषय में विमर्श गोष्टी एवं श्रद्धांजलि समागम का आयोजन संपन्न ।
जौनपुर । 25 अगस्त दिन रविवार को कुटीर महाविद्यालय जलालपुर में पंडित अभयजीत दूबे की पुण्यतिथि पर संस्थान की ओर से मनायी गई । पंडित अभयजीत दूबे को एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और प्रखर पत्रकार के रूप में याद किया गया। विमर्श गोष्ठी के अध्यक्ष प्रोफेसर राम मोहन पाठक एवं मुख्य अतिथि सांसद सीमा द्विवेदी रहे।

स्वंत्रता संग्राम सेनानी ,पत्रकार पंडित अभय जीत दूबे
प्रमुख वक्ता के रूप में डॉक्टर राकेश उपाध्याय रहे। गोष्टी के अध्यक्ष प्रोफेसर राम मोहन पाठक ने पंडित अभय जीत दूबे के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा की पंडित जी ने जौनपुर ही नहीं पूर्वांचल के सेनानियों का नेतृत्व किया और आजादी मिलने पर सक्रिय राजनीति से संन्यास लेकर शिक्षा के प्रसार और प्रचार में जुट गए।आपने कुटीर चक्के जैसे ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय से प्रारंभ करके इसे स्नातकोत्तर विद्यालय तक पहुंचाने का काम किया

प्रो. राकेश उपाध्याय – निदेशक भारतीय जन संचार संस्थान नई दिल्ली
जबकि कुटीर चक्के जैसे सुदूर ग्रामीण इलाके में उच्च शिक्षा संस्थान की स्थापना का कठिन कार्य आपके द्वारा किया गया आज यहां से शिक्षा ग्रहण किए हुए लोग देश में बड़े-बड़े पदों पर सुशोभित हैं प्रोफेसर राम मोहन।पाठक ने अपने संबोधन में कहा कि मैं यहां आकर हर्षित हुआ हूं जो प्रसन्नता हुई है उसे हम शब्दों में व्यक्त नहीं कर पा रहे है मुझे पछतावा हो रहा है कि मैं पहले क्यों नहीं आया यहां तो पंडित अभय दुबे जैसे तपस्वी की ज्ञान गंगा प्रवाहित हो रही है यह उसी तरह है जैसे भागीरथी ने गंगा को इस पृथ्वी पर लाए थ ऐसे अवसर जीवन में दुर्लभ ही मिलते हैं ।

जो मैं आज अनुभव कर रहा हूं अपने लगभग 50 वर्षों की पत्रकारिता की यात्रा में देश के लगभग 28 प्रदेशों में जाने का अवसर मुझे सुलभ हुआ है किंतु जो सहजता सुलभता आदमी था मैं यहां देखा । अन्यत्र दुर्लभ है। चवयाइस फुल लर्निंग के लिए किसी छात्र का यहां आना सौभाग्य की बात है
मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर राकेश उपाध्याय ने कहा कि यह भूमि बहुत ही उर्वर है और पंडित अभय जीत दूबे ने अपनी तपस्या के प्रभाव से इसे और भी जागृत कर दिया है। यह महाविद्यालय एक उच्च शिक्षा संस्थान के रूप में विकसित है आपने कहा की पंडित जी केवल गीता पढ़ा ही नहीं उन्होंने अपने जीवन में उतारा हमारी अपनी मान्यता है कि यहां पढ़ने वाले छात्रों में गीता के अध्ययन की आदत डाली जाए उन्होंने छात्रों से कहा कि जो भी छात्र गीता के 18 अध्याय कंठस्थ करके सुनाए उसे पुरस्कृत किया जाएगा, गीता अध्ययन को लेकर छात्रों में प्रतियोगिता कराई जानी चाहिए।
मुख्य अतिथि सांसद सीमा द्विवेदी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित अभय जीत दूबे मूर्धन्य पत्रकार भी थे यहां आकर उनकी पूर्ण स्थली को देखकर मैं अभीभूत हुई हूं मैंने परिसर और पुस्तकालय का अवलोकन किया पुस्तकालय और वाचनालय अति व्यवस्थित ढंग से सजाया गया है।

मुख्य अतिथि सांसद सीमा द्विवेदी
यहां शिक्षा व्यवस्था कितने अच्छे और अनुशासित ढंग से चल रही है, पठन पाठन की परंपरा जितनी सुंदर है उसे और अच्छी बनाए जाने की जरूरत है इसे और विकसित किया जाना चाहिए। संस्थान के प्रबंधक अजयेन्द्र दूबे ने मुझसे जो अपेक्षा की है उसे मैं अवश्य पूरी करूंगी ।मुझे यह प्रसन्नता हो रही कि प्रबंधक ने अपने बाबा के सपनों को साकार करने के लिए और तत्परता से लगे हुए हैं यह महाविद्यालय उन्नत करेगा भविष्य में यह महाविद्यालय विश्वविद्यालय का रूप भी ले सकता है। इसके पूर्व कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रबंधक अजयेंद्र दुबे ने अंगवस्त्रम व पुष्पगुच्छ देकर अतिथियों को सम्मानित किया ।

कार्यक्रम दो सत्रों में संपन्न हुआ। अनामिका शुक्ला ने राष्ट्रगीत व भजन का गायन किया। इस अवसर पर राम कृष्ण त्रिपाठी,अनिल अमिताभ दुबे, डॉ मनोज मिश्र, डॉ विजय प्रकाश मिश्र, डा. रामप्रवेश मिश्र, डा. श्याम नारायण मिश्र, लल्लन मिश्र, डॉ. लालजी त्रिपाठी, डॉ .रामेश्वर त्रिपाठी

, डा. युपी सिंह, श्याम नारायण पाण्डेय ,संजय उपाध्याय, दीपक उपाध्याय, डा अरविंद उपाध्याय, डा.अनिल उपाध्याय, डा. सुरेश पाठक, डा. सुधाकर शुक्ल, अतुल शुक्ला, दीपक मिश्र, ने विचार व्यक्त किया।।कार्यक्रम का संचालन पूर्व प्राचार्य डॉ रमेश मणि त्रिपाठी व नीता तिवारी ने किया ।