
जौनपुर: याचनाओं का यंत्र लगता है कामनाओं का मंत्र लगता है तेरा राजतंत्र सा वो चेहरा इन दोनों लोकतंत्र लगता है जी हां यह लाइनें हमारे वर्तमान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर लक्ष्मी सिंह पर सटीक बैठती हैं पिछले मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की तुलना में सर्वाधिक कार्यकाल गुजारने वाली चार सालों से अधिक का समय जौनपुर जनपद वासियों को देकर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतरीन के नाम पर बदनाम और छलावा साबित करने वाली सशक्त और बेबाक महिला चिकित्सक ही नहीं अपितु मुख्य चिकित्साधिकारी जैसे मर्यादित पद की गरिमा के विपरीत कृत्य से पद की धज्जियां उड़ाने वाली डा0लक्ष्मी सिंह का व्यक्तित्व जनमानस में चर्चित और उजागर हो उठा है विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर अनिवार्य आवश्यकता की चीजों स्टेशनरी कान्टीजेन्सी और दवाओं के खरीद फरोख्त में अपार अनियमिताएं उजागर होने के संकेत मिल रहे हैं।
यह बात दीगर है कि जब तक डॉक्टर लक्ष्मी सिंह का कार्यकाल है तब तक सब बातें दबी रहेंगी लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के सम्मुख अपनी हंसमुख प्रवृत्ति और बेबाक टिप्पणी के लिए मशहूर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जनपद वासियों को स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के नाम पर अपने कार्यकाल में करोड़ों का चूना लगाया है यह सर्वमान्य सत्य है क्या जनप्रतिनिधि क्या राजनेता या समाजसेवी संगठनों को इसकी भनक तक नहीं हो पाई इससे साबित होता है कि जौनपुर की जनता बेईमानी और भ्रष्टाचार का दंश भी बखूबी झेल सकती है स्वास्थ्य विभाग की आंकड़ों की माने तो तमाम ऐसे खरीद फरोख्त के कारनामे है जिसे देने के लिए सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगने पर भी विभाग द्वारा नहीं दिया जाता है किंबदन्ती नहीं है मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय की आधिकारिक सच्चाई हमारे ब्यूरो चीफ ने तहकीकात के बाद यह पता लगाने में कामयाबी हासिल किया है कि पटल परिवर्तन ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा कर्मचारियों से भी व्यापक रूप से धनउगाही की गई है जनपद के राजनेता विधायक मंत्री वाकिब होते हुए भी कान में तेल डाले हुए पड़े हैं यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए खतरे का संकेत है जनहित में स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों का ध्यान इस और अपेक्षित है।