
: श्याम नारायण पाण्डेय, जौनपुर
जौनपुर जिले में पुलिस के आतंक से मुख्यमंत्री आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश की जनता को सुरक्षा के मामले में दिया गया ज़ीरो टॉलरेंस नीति का आश्वासन धूल फांक रहा है।
घटना सुल्तानपुर जनपद की उत्तरपूर्व सीमा से सटे जौनपुर के सरपतहां थाने की है। क्षेत्र के सुकर्णाकला गॉव में हनुमान प्रसाद उपाध्याय का परिवार रहता है। उनका पड़ोसी अरविंद जो थाने का दलाल है उनसे नाराज हो गया।
आरोप है कि दो पुलिसकर्मी दिनाँक 7 फरवरी 2024 को हनुमान के घर मे घुसकर उन्हें थाने उठा ले गए। थानाध्यक्ष त्रिवेणी सिंह ने देखते ही एक सिपाही के साथ उन्हें पीटना शुरू कर दिया। वे दोनों तबतक मारते रहे जबतक हनुमान जमीन पर नही गिर पड़े। थानाध्यक्ष उनके सीने पर चढ़ गया उनकी सीने ही हड्डी टूट गई वह बेहोश हो गए।

इसी दौरान उनकी पत्नी भागती हुई थाने आयी। दुराचार की नीयत से उसने एक सिपाही को एक कमरे में ले जाने का आदेश दिया। सिपाही द्वारा महिला को कमरे में ले जाने के बाद थानाध्यक्ष खुद कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लिया। इस बात की जानकारी होते ही सुकर्णाकला गॉव के दर्जनभर लोग चिल्लाते हुए थाने में घुस आए। हनुमान ने पत्नी के कमरे में बंद होने के बारे में जैसे ही बताया लोग दरवाजा पीटने लगे। त्रिवेणी सिंह कमरे से निकलकर बाहर भागा किसी तरह महिला की इज्जत बची। हनुमान उपाध्याय को 2 पुलिस के साथ शाहगंज तहसील भेजा गया जहां शांति भंग के आरोप में उनकी जमानत हुई।

दो-तीन दिन बाद जब थोड़ा स्वस्थ हुए तो पत्नी के साथ पुलिस अधीक्षक से मिलकर आपबीती बयान किया। लिखित प्रार्थना पत्र भी दिया लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नही की गयी। इधर थानाध्यक्ष दहाड़ रहा है कि हनुमान कप्तान के यहां गया है अब उसे विकलांग ही बनाना है।
लगभग 2 माह से हनुमान उपाध्याय का परिवार अपनी जान बचाने के लिए भागा-भागा फिर रहा है कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
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