जौनपुर:- प्रकरण सदर तहसील के राजस्व गांव बीबीपुर का है राजाराम यादव की वारिस उनकी तीन लड़कियां ही थी। एक पुत्री मर चुकी थी उसके कोई बच्चे भी नहीं थे । शेष दो – माधुरी पत्नी नंदलाल और प्रेमा पत्नी गोरखनाथ जीवित हैं। राजाराम की मृत्यु के बाद सारी चल – अचल संपत्ति इन्हीं दो पुत्रियों में नियम के अनुसार विधिक ढंग से विभाजित कर दी गई है लेकिन प्रेमा देवी ने राजस्व कर्मियों लेखपाल बलवंत कुमार सिंह और कानूनगो तत्कालीन के सहयोग से एक 99 एयर का प्लांट जो पक्की रोड पर है, वह बहुत कीमती जमीन है, उसे वरासत में जानबूझ के छोड़वा दिया था और जल्दी-जल्दी में मिल- जुल करके वह प्लांट प्रेमा देवी ने अपने नाम करवा लिया और फिर उसे दाखिल खारिज करवा करके भूमिधर भी हो गई ।
इस मामले में राजस्व अधिकारियों ने अच्छी रकम लिया। इसके बाद प्रेमा देवी ने आनन – फानन में उस प्लांट को बहुत ही अच्छे दाम में माफिया किस्म के व्यक्ति विनोद, मनोज, राजेश, और राकेश, मुकेश पुत्रगढ़ हरदेव को बैनामा लिख दिया। जब बैदार लोग कब्जा करने के लिए मौक- ए वारदात पर आए तब माधुरी देवी के वारिसशान और माधुरी देवी के पति नंदलाल आदि को यह मालूम हुआ। तब उन्होंने उप जिलाधिकारी को इसके लिए आवेदन किया। मामले को समझ करके संबंधित उप जिलाधिकारी ने तत्काल कार्यवाही किया और विनोद वगैरह को अवैध कब्जा करने से रोक दिया। कारण मात्र लेखपाल और संबंधित कानूनगो को मिलाकर के 99 एयर भू – संपत्ति को अकेले ही हजम करना था। यह मामला अब तहसील से सुधार दिया गया है लेकिन माधुरी देवी के वारिस सोनम के पक्ष में अभी खतौनी में प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है जिससे अब भी दोनों पक्षों में फौजदारी का अंदेशा बना हुआ है।