खुद की करते हैं पार्टी, बनवाते हैं मटर-पनीर, मशरूम की सब्जी व रोटी
जौनपुर : वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर के छात्रावासी बेहद परेशान हैं। परेशानी के जिम्मेदार चीफ वार्डेन मनीष कुमार सिंह हैं। वार्डेन का व्यवहार छात्रों के साथ अभिभावक जैसा होना चाहिए जबकि वह दुश्मन जैसा कर रहे हैं। आज के एक पखवारा पूर्व की घटना है। छात्रों को छात्रावास में दिया जाने वाला अत्यंत घटिया स्तर का भोजन कई दिनों से मिल रहा था। आपस में परामर्श करके छात्रों ने समझा कि हो सकता है दो एक दिन बाद ठीक हो जाएगा। किन्तु यह कोई अकस्मात भोजन बनाने में कभी बात न होकर सोच समझ कर छात्रों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है। कई दिन ऐसा होने पर छात्रों ने दोपहर और रात के खाने को लेकर विरोध कर दिया। छात्रों ने छात्रावास के गेट का ताला तोडक़र कुलपति से मिलने का निश्चय किया। इस पर छात्रों को बुलाकर प्रोफेसर मनीष कुमार सिंह ने कहा जो जैसा मिल रहा है वैसा खाओ अन्यथा छात्रावास से निकलवा कर बाहर फेकवा देंगे। तुम लोग कुछ नहीं कर पाओगे। ज्यादा अनुशासनहीनता करोगे तो विश्वविद्यालय से नाम कटवाकर बाहर कर देंगे। इसके बाद राजेन्द्र सिंह आए और छात्रों को समझा-बुझाकर कहने लगे कि आप जैसा चाहोगे वैसा ही होगा। भोजन अच्छा मिलेगा। प्रोफेसर मनीष कुमार सिंह अब छात्रावास में देर रात नहीं जायेंगे न तो छात्रों को उनसे कोई परेशानी होगी। यदि आप लोग कुलपति से भी मिलना चाहते हैं तो दिन में किसी भी समय मिला देंगे। दूसरे दिन जब छात्र कुलपति से मिलने जाने लगे तो प्रोफेसर मनीष कुमार सिंह घेराबंदी कर उनका नाम लिखने और बीडीओ बनाने लगे और कहने लगे कि तुम्हें हमारे बारे में पूरा पता नहीं है, हमारे खिलाफ जो बोलता है उसका जीना हराम कर देते हैं।
बिगत दो अगस्त को मनीष कुमार सिंह ने सीबी रमन छात्रावास में बाहर के पचास लोगों को दावत दिया। मटर, पनीर, मशरूम, रोटी, चावल, दाल आदि छात्रावास के मेस में बनवाया और रात बारह बजे तक हो हल्ला होता रहा। अगर उन्हें दोस्ती निभानी ही है तो अपने घर भोजन बनाए और खिलाए। ऐसे कार्यक्रम प्रतिमाह चलते रहते हैं जो सम्भवत: पता भी नहीं होता। इस प्रकार चीफ वार्डेन ही छात्रावास में रहने वाले छात्रों के खान-पान में घालमेल करते हैं और शिकायत करने पर छात्रों को धमकी भी देते हैं। छात्रों की समस्याओं को लेकर समाजसेवी एसपी सिंह ने कुलपति प्रोफेसर बंदना सिंह से अनुरोध किया है कि वे तत्काल प्रोफेसर मनीष कुमार सिंह को वर्क से हटाकर उनके कुकर्मों की जाँच कराएं और तत्काल उनके विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई करें। इस बावत जब चीफ वार्डेन मनीष कुमार सिंह से दूरभाष पर बात की गयी तो उन्होंने उपरोक्त आरोपों को एक सिरे से नकार दिया। कहा कि वार्डेन में सीसीटीवी कैमरा लगा है। उसकी कभी भी पड़ताल कर स्वयं से तथ्यों को जाना जा सकता है। अपने आप हकीकत पता चल जाएगी। रही बात छात्र प्रतीष कुमार सिंह की पिटायी की तो यह घटना काफी पुरानी हो चुकी है। अगर मेरे जबाव से संतुष्टि न हो तो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मनोज मिश्र से भी पूछा जा सकता है।