पीड़ित पक्ष के साथ अन्ना
जौनपुर/बदलापुर: थाने के गांव उदपुर घाटमपुर निवासी साहिल सिंह को हत्यारों ने उसके घर से जबरदस्ती ले जाकर हत्या कर दिया। साहिल सिंह अपनी मां का अकेला लड़का था जो रोजी-रोटी के सिलसिले में सूरत (गुजरात) में रहता था। पड़ोसियों ने किसी कारणवश उसे अनायास खुंदक पाल रखा था। दिनांक 10 नवंबर को उसे इन्ही लोगों ने मार कर फेंक दिया था किंतु वह ईश्वर की कृपा से बच गया। चार दिन बाद 14 नवंबर को बाल दिवस के अवसर पर साहिल को घर से जबरदस्ती उठा लाया गया और उसकी हत्या करके अपने वाहन में बांधकर बड़ी दूर तक खींच कर ले गए और यह प्रदर्शित किए कि मैं जो चाहूं जिसकी चाहूं हत्या कर सकता हूं। हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता।
सवाल यह है कि क्या यही है मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति ?
क्या लखनऊ तक ही यह कार्यवाही सीमित है आज साहिल की मां और प्रत्यक्ष नगर प्रत्यक्षदर्शी गवाह असुरक्षित हैं। जिला और पुलिस प्रशासन की अनदेखी के कारण हथियारों का मन बड़ा हुआ है। दूसरी तरफ साहिल की मां और उसके परिवार के सामने रोजी-रोटी का भी संकट है क्योंकि साहिल अपनी मां का अकेला लड़का था जो रोजी-रोटी का प्रबंध करता था। अब साहिल हत्याकांड को जज सिंह अन्ना ने उठाया है और प्रशासन के से मांग किया है कि हत्यारों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए, पीड़ित पक्ष के सुरक्षा की व्यवस्था की जाए और उनके रोजी-रोटी के बारे में गंभीरता से विचार किया जाए।