
जौनपुर: सर्वत्र राजनीति का प्रवेश हो जाने के कारण सर्वनाश हो रहा है किन्तु नेताओं ने क्यों ऐसा कर रखा है यह नहीं समझ में आ रहा है।

यहाँ पर मैं वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विश्वविद्यालय की बात कर रहा हूँ। जहाँ छात्रों शिक्षणेतर कर्मचारियों, प्रशासनिक और प्रशासकीय वर्ग में यहरोग प्रवेश कर गया है। प्रत्येक कार्य में वह चाहे शैक्षणिक हो या प्रशासनिक हो रस्साकरी चला करती है। “उसमें कोढ़ में खाज” वहाँ स्थानीय पत्रकार बन गये हैं जो कर्मचारियों से ज्यादा ड्यूटी देते हुए देखे जाते हैं, इनका मात्र यही काम है इधर की बात उधर पहुँचाते रहते हैं जिससे जो प्रकरण या जो कार्य एक दिन में होना है उसमें एक माहसमय लगना स्वाभाविक है कि एक पत्रकार तो ऐसे हैं कि कुलपति कार्यालय खुलते ही वहाँ उपस्थित हो जाते हैं, वहाँ नियुक्ति कर्मचारी भले ही घण्टा आधा घण्टा विलम्ब से आयें, पत्रकार महोदय एक मिनट भी विलम्ब से नहीं आते। उनको कुलपत्ति ने कोई काम तो नहीं दिया है, तो भी वो इधर उधर लगाकर झगड़ा कैसे हो यह कार्य करते रहते हैं।
माननीय कुलपति जी एक योग्य प्रोफेसर तथा विषय विशेषज्ञ हैं अति सज्जन हैं। कमी यही है कि प्रशासन को मुट्ठी में रखने की कला नहीं है। इससे विश्वविद्यालय के कर्मचारी और अधिकारी उनकी कमजोरी समझते हैं और यही विश्वविद्यालय के कार्य में व्यवधान का कारण है।