रवि कान्त –
जौनपुर : भ्रष्टाचार का आलम यह है कि उप-निबंधक जौनपुर सदर द्वारा सिर्फ पैसे की बदौलत बिना कोई पेपर की जांच किये हुए ही बैनामा करवा दिया जा रहा है। गौरतलब है कि मोहल्ला शेखपुर रोडवेज तिराहा(श्रद्धा हास्पिटल) के बगल के निवासी राजेश कुमार गुप्ता पुत्र स्व० कामता प्रसाद का मकान उन्ही के विपक्षी मुकदमा चन्द्रप्रकाश पुत्र सन्तोष के द्वारा दौरान मुकदमा दिनाँक-25-11-2023 को दो आपराधिक किस्म के व्यक्तियों को मुवाहिदा कर दिया। जबकि न तो नगर पालिका असिसमेंट में ही चंद्रप्रकाश का नाम दर्ज था और न ही खतौनी में। फिर भी उप निबंधक सदर जौनपुर संतोष कुमार पांडेय द्वारा इसे अंजाम दे दिया गया, जिसके खिलाफ राजेश गुप्ता द्वारा दिनाँक-20-07-2024 को तहसीलदार(न्यायिक) के यहाँ रेस्टोरेशन दाखिल किया गया, तभी दौरान मुकदमा ही दिनाँक- 14-08-2024 को चन्द्र प्रकाश द्वारा उक्त मकान को एक तथाकथित व्यक्ति अश्वनी अमर सिंह के नाम बैनामा कर दिया,जबकि विपक्षी को रेस्टोरेशन के बारे में पूरी तरह से जानकारी थी। जबकि इस बार विपक्षी द्वारा फर्जी ढंग से तहसीलदार(न्यायिक) सौरभ कुमार को धोखे में रखकर दिनांक-01-06-2024 को खतौनी में अपना नाम दर्ज करा लिया गया और उसी के आधार पर बैनामा कर दिया, जिसकी राजेश को भनक तक नहीं लगी, और एक बार पुनः उप-निबंधक सदर जौनपुर संतोष कुमार पांडेय द्वारा बिना पेपर की जांच किये हुए ही बैनामें को अंजाम दे दिया गया, राजेश गुप्ता द्वारा इसकी सूचना प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश सहित तमाम आला अधिकारियों को दिया गया लेकिन वह सारी जांच निचले स्तर तक आते- आते टांय-टांय फिस्स हो जाती है, जिससे राजेश काफी पिड़ित और दु:खी है, अब तो राजेश को यह भी डर सता रहा है कि कहीं ऐसा ना हो कि मकान पर कब्जा करने के लिए कहीं उसकी परिवार सहित हत्या न करवा दी जाय, यह सोच-सोच कर राजेश और उसका परिवार काफी सदमें में है, क्योंकि अब इस परिवार को जान माल दोनों का डर है।