
अभी तक पाकिस्तान हमारे भारतीय सेना के एक भी आक्रमण को विफल नहीं कर पाया है जबकि हमारे बहादुर सेना ने उसके लगभग 100 आक्रमणों को असफल करते हुए चीन और अमेरिका से बने फाइटर जहाजो को नष्ट करने में सफलता पाई है।
पूरी दुनिया के देश आतंकवाद को पनाह देने के कारण पाकिस्तान के विरुद्ध खड़े हैं। फिर भी उसे कोई गम नहीं है ना तो कोई पछतावा ही है।
उसकी आर्थिक स्थिति इतनी भयावह है कि उसका पूरा तंत्र लडखडा चुका है और सारे रोजगार घाटे में चल रहे हैं स्थिति बहुत ही बिगड़ चुकी है। बहुत ज्यादा महंगाई की मार से देशवासी करा रहे है। पाकिस्तान स्वयं आई.एम.एफ. के सामने कर्जदारो की कतार में खड़ा है वह विकास के लिए कर्ज मांग रहा है लेकिन विकासात्मक कार्य में उसकी रुचि नहीं है वह केवल आतंकवादियों का पोषण ही करता है
इसलिए यह जरूरी नहीं है कि आई.एम.एफ के सदस्य गण उसकी बात को मानकर उसे कर्ज दिलाने के लिए राजी ही हो जाएं। अभी वक्त है कि पाकिस्तान होश में आए और भारत जैसे शांतिप्रिय पड़ोसी देश को समझे और एक पड़ोसी की तरह व्यवहार करें उसी में उसका भला है अन्यथा वह विनाश के कगार पर खड़ा है। विनाश काले विपरीत बुद्धि